वो कहीं तो मिले,वो कभी तो मिले
वो कहीं तो मिले,वो कभी तो मिले
ख़्वाब में ही सही ज़िंदगी तो मिले
दिल में आने की हसरत बहुत दिन से है
कुछ इजाज़त मगर आप की भी तो मिले
ज़िंदगी काट देंगे गली में तेरी
जानेमन हमको तेरी गली तो मिले
आदमियत को आँखें तरसने लगी
इस जहां में कहीं आदमी तो मिले
हम भी कह देंगे घर में बहार आई है
कोई डाली चमन में हरी तो मिले
आओ मिल कर जलाएं दिए प्यार के
इन अंधेरों में कुछ रोशनी तो मिले
मुझको रावण ही रावण मिले फकत
ज़िंदगी में कोई राम भी तो मिले
मंज़र भोपाली
Wo kahin to mile,wo kabhi to mile
Wo kahin to mile,wo kabhi to mile
Khwab mein hi sahi zindagi to mile
Dil mein aane ki hasrat bahut din se hai
Kuchh ijazat magar aapki bhi to mile
Zindagi kaat denge gali mein teri
Janeman hamko teri gali to mile
Aadmiyat ko aankhein tarasne lagi
Is jahan mein kahin aadmi to mile
Ham bhi kah denge ghar mein bahar aayi hai
Koi daalee chaman mein hari to mile
Aavo milkar jalayein diye pyar ke
In andheron mein kuchh roshani to mile
Mujhko ravan hi ravan mile fakat
Zindagi mein koi raam bhi to mile
Manzar Bhopali