तेरे दर से जब उठ के जाना पड़ेगा
तेरे दर से जब उठ के जाना पड़ेगा
खुद अपना जनाज़ा उठाना पड़ेगा
अब आँखों को दरिया बना पड़ेगा
तबस्सुम का कर्जा चुकाना पड़ेगा
बला से मेरा गम न हो उन पर ज़ाहिर
जब आयेंगे वो मुस्कुराना पड़ेगा
चला हुं
मैं कूंचे से उनके बिगड़ कर
हंसी आ रही है की आना पड़ेगा
खूमार उनके घर जा रहे हो तो जाओ
मगर रास्ते में ज़माना पड़ेगा
(खूमार
बाराबंकवी)
तबस्सुम :-
मुस्कुराहट,मुस्कुराना
बला :- गलती से
ज़ाहिर :- पता
चलना,मालूम होना
कूंचे :-
दर,जगह,गली
हमने चाहा हैतुम्हें चाहने वालों की तरह......
Tere dar se jab uthh ke jaana padega
Tere dar
se jab uthh ke jaana padega
Khud apana
janaza uthhana padega
Ab aankhon ko dariya banana padega
Tabassum
ka karza chukana padega
Bala se mera gam na ho un par zahir
Jab
aayenge vo muskurana padega
Chalaa hun main koonche se unke bigad kar
.Hansi aa
rahi hai ki aana padega
Khoomar
unke ghar ja rahe ho to javo
Magar raste mein zamanaa padega
(Khoomar Barabankavi)